स्वामिनारायण अक्षरधाम की स्तंभ पंक्तियाँ एवं मंडोवर में स्थापित चतुर्व्यूह तथा केशवादिक चौबीस मूर्तियों की शास्त्रीयता तथा पूर्णता

स्वामिनारायण अक्षरधाम की स्तंभ पंक्तियाँ एवं मंडोवर में स्थापित चतुर्व्यूह तथा केशवादिक चौबीस मूर्तियों की शास्त्रीयता तथा पूर्णता

Abstract

व्यूह शब्द का अर्थ है समूह अथवा विशिष्ट रचना। ज्ञान वगैरह छह गुण परिपूर्ण वासुदेव भगवान के स्वरूप की उपासना एवं जगत्सृष्टि आदिक कार्य के लिए ज्ञानादि गुणों का आविर्भाव और तिरोभाव जिन स्वरूपों में है वे स्वरूप चार हैं इसलिए चतुर्व्यूह अर्थात् चार का समूह ऐसा कहा गया है। वैष्णव आगम पंचरात्र एवं वैखानस में विशेष रूप से चतुर्व्यूह का वर्णन मिलता है।

वासुदेव, संकर्षण, प्रद्युम्न और अनिरुद्ध इन चारों की चतुर्व्यूह संज्ञा है। सात्वत संहिता में वासुदेव, अच्युत, सत्य एवं पुरुष ऐसी संज्ञा भी प्राप्त होती है।

चतुर्व्यूहान्तर्गत वासुदेव में ज्ञान-बल-वीर्य-ऐश्वर्य-शक्ति एवं तेज: ये छह गुण आविर्भूत और परिपूर्ण हैं। सङ्कर्षण में ज्ञान और बल, प्रद्युम्न में वीर्य और ऐश्वर्य, अनिरुद्ध में शक्ति एवं तेज गुण आविर्भूत रहते हैं। अन्य गुण तीनों में तिरोभूत अर्थात लीन रहते हैं। यद्यपि अन्य संहिताओं में मतभेद भी है।

चतुर्व्यूह की उत्पत्ति किस प्रकार से शास्त्रों में निरूपित है? इसका निरूपण इस शोधपत्र में किया गया है। चतुर्व्यूह की मूर्ति का विविध वर्णन सात्वतसंहिता, ईश्वरसंहिता, लक्ष्मीतन्त्रम्, पौष्करसंहिता, नारदीयसंहिता, विष्वक्सेनसंहिता, हयशीर्षपञ्चरात्र इत्यादि में कुछह भेद के साथ प्राप्त होता है, यह सब प्रस्तुत शोधपत्र में निहित है।

आगम के अनुसार प्रत्येक मूर्ति का नीचे का दायें हाथ से आरंभ करके आयुधों का अथवा मुद्राओं का निरूपण किया है। सात्वतसंहिता, ईश्वरसंहिता, लक्ष्मीतन्त्र के अनुसार यहाँ वर्णन प्रस्तुत है।

आगम के अनुसार प्रत्येक मूर्ति का नीचे का दायें हाथ से आरंभ करके आयुधों का अथवा मुद्राओं का निरूपण किया है। सात्वतसंहिता, ईश्वरसंहिता, लक्ष्मीतन्त्र के अनुसार यहाँ वर्णन प्रस्तुत है।

  • चतुर्व्यूह गत वासुदेव के नीचे का दक्षिण हस्त अभय, उपरि हस्त में सुदर्शन, वाम उपर हस्त में शंख और नीचे के कर में गदा।
  • संकर्षण के नीचे का दक्षिण हस्त अभय, उपरि हस्त में हल, वाम उपर हस्त में मुसल और नीचे के कर में शंख।
  • प्रद्युम्न के नीचे का दक्षिण हस्त अभय, उपरि हस्त में पाँच बाण, वाम उपर हस्त में धनुष और नीचे के कर में शंख।
  • अनिरुद्ध के नीचे का दक्षिण हस्त अभय, उपरि हस्त में तलवार, वाम उपर हस्त में ढाल और नीचे के कर में गदा।
Copyright (c) 2023 The BAPS Swaminarayan Research Journal

How to Cite

Swami Shrutiprakashdas. (2023). स्वामिनारायण अक्षरधाम की स्तंभ पंक्तियाँ एवं मंडोवर में स्थापित चतुर्व्यूह तथा केशवादिक चौबीस मूर्तियों की शास्त्रीयता तथा पूर्णता. The BAPS Swaminarayan Research Journal, 2(1), 177–202. Retrieved from https://r4.devvidya.org/journal/index.php/BSRJ/article/view/02_01_08

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